‘भारतीय नदियां देश को जोड़ती हैं और नदियों के किनारें भारत बसता है। जलधाराओं का नदियों में संगम और नदियों का सागर में मिलाप भारतीय संस्कृति का उत्तम स्वरूप है। यह बात भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर परांजपे ने संस्थान में ‘रीवर इन द लिटरेरी ट्रेडिशन ऑफ इण्डिया’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार में कही।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता के परिपेक्ष्य में इस तरह का वेबिनार संस्थान में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। हमारा देश नदी प्रधान देश है। वेदों में नदियों की महिमा की स्तुति की गई है। कृष्ण लीलाओं में नदियों का वर्णन किया गया है। देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘नमामी गंगा’ योजना की शुरूआत कर नदियों की स्वच्छता पर बल दिया है।
06 अक्तूबर से चल रहे 8 सत्रों में विभक्त इस वेबिनार में संस्थान के अध्येताओं के अलावा देश के विभन्न प्रान्तों से लगभग 15 ख्यातिप्राप्त विद्वानों ने भाग लिया। जिनमें डॉ0 अज़ुर्मन आरा (वेबिनार संयोजक) प्रोफेसर कैलाश बरार, प्रो0 कालीदास मिश्रा, डॉ0 अलंकार कौशिक, प्रो0 डी0 वेंकट राव, प्रो0 विजय के0 दन्ता, प्रो0 सुबीरधर, डॉ0 शोना बारिक, डॉ0 चन्द्र बाशा, डॉ0 संघमित्रा राय वर्मन, डॉ0 अलका लालहल, डॉ0 रमेश कोटी, डॉ0 जीबू जॉर्ज, डॉ0 प्रवीण मिर्धा आदि शामिल थे।
वेबिनार का स्वागत संबोधन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर परांजपे ने किया। प्रो0 कैलाश बरार ने नदी का काव्य तथा पूर्वी भारत की नदियों के गीतों के बारे में जानकारी दी। डॉ0 अज़ुर्मन आरा ने अपने व्याख्यान में असम की नदियों के प्रवासियों और जन-जीवन के बारे में वर्णन किया। प्रो0 कालीदास मित्रा ने नदी, सीमा के रूप में (विशेष सन्दर्भ उड़िया साहित्य) विषय पर अपने विचार रखे। प्रो0 अमिथ कुमार पी0बी0 ने नदियों की पहेली और भारती साहित्य में नदियों का रहस्य और कल्पना के बारे में वर्णन किया। डॉ0 अलंकार कौशिक ने नदियों की कहानियों के बारे में जानकारी दी विशेषत: असम क्षेत्र की नदियों के बारे में।
प्रो0 सुबीर धर ने ”रविन्द्र नाथ टैगोर और उनके विचारों में” नदियॉं विषय पर जानकारी दी। डॉ0 सघंमित्रा राय वर्मन ने नदियॉं, व्यापार, व्यापार मार्ग, जातक, अर्थशास्त्र, कारवां कला के बारे में विचार रखे। इसके अतिरिक्त डॉ0 अलका ललहार, प्रो0 कोटिश्री रमेश, प्रो0 जीबू जॉर्ज, प्रो0 प्रवीण मिर्धा, डॉ0 चन्द वाशा, डॉ0 सोना वारीक, प्रो0 विजय के0 दन्ता एवं अन्य ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस वेबिनार का संस्थान फेसबुक पेज तथा यूट्सूब चैनल पर सीधा प्रसारण भी किया गया।
वेबिनार के अन्त में संस्थान के सचिव कर्नल डॉ0 विजय तिवारी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।