अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के बारे में सोचे और वर्ष 2016 से इसकी राशि का भुगतान कर्मचारियों व पेंशनर को मिलना चाहिए। पंजाब सरकार की कैबिनेट ने यह फैसला ले लिया है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी होंगी तो यह हिमाचल सरकार को भी प्रभावी ढंग से लागू करने के बारे में सोचना चाहिए। एरियर की किश्तों का भुगतान जल्द किया जाना चाहिए।
हिमाचल को भी पंजाब की तर्ज पर अब न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर प्रति माह 9000 रुपये तक करनी चाहिए। सालाना इंक्रीमेंट में भी बढ़ौतरी होनी चाहिए। चूंकि यह विषय आवश्यक है और हिमाचल सरकार परम्परागत रूप से पंजाब सरकार को फॉलो करती आई है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और यह सिफारिशें 1 जुलाई, 2021 से लागू भी कर दी जाएंगी। प्रदेश में भी छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी माना जाना चाहिए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन प्रति माह से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह करने को भी मंजूरी दी जानी चाहिये। वेतन और पेंशन पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के मुकाबले इस बार करीब करीब 2.59 गुना बढ़ जाएंगे और सालाना इंक्रीमेंट 3 प्रतिशत मिलना निश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यूनतम फैमिली पेंशन बढ़कर करीब करीब 9000 रुपये प्रति माह हो जानी चाहिए। राम लाल ठाकुर ने कहा कि डीसीआरजी और एक्स ग्रेशिया अनुदान भी दोगुना होना चाहिये मौत अथवा रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (डीसीआरजी) को भी अनुमानित संख्या में बढाया जाना चाहिए।
इसके अलावा एक्स ग्रेशिया अनुदान की मौजूदा दरें को दोगुना की जाना चाहिए और मौत या रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और एक्सग्रेशिया को नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत आते कर्मचारियों को भी प्रदान करने का फ़ैसला किया जाना चाहिए। राम लाल ठाकुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ वाले बयान पर कहा है कि यह कर्मचारियों और पेंशनर्स का परम्परागत हक है और यह एक स्वाभिक और सैद्धांतिक प्रक्रिया है इसको जल्द ही लागू किया जाना चाहिए।