शिव मंदिर में ध्यान करते समय सन्यासी जय गिरी ने समाधि ले ली। बता दें कि संगड़ाह उपमंडल के अंतर्गत कैंथा-चोकर में संत जय गिरी (45 वर्ष) पिछले कई वर्षों से रह रहे थे।शनिवार शाम 8 बजे वह शिव मंदिर में ध्यान करने के लिए चौकड़ी मारकर बैठे थे, तभी लोगों ने देखा कि अचानक उनकी गर्दन लटक गई। नजदीक जाकर देखा तो उनकी सांसे थम चुकी थी।
जिसके बाद उनके समाधि लेने की चर्चा आम हुई और पंचायत प्रधान ने इसकी सूचना नायब तहसीलदार नौहराधार काकू राम को दी। मौके पर पहुंचे एसडीएम संगड़ाह ने शव को कब्जे में लिया। पोस्टमार्टम व कोविड टेस्ट के बाद सन्यासी का शव उनके गुरूभाई को सौंपा गया।