शिमला
धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस पर खरीददारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ख़रीददारी से धन की समृद्धि बढ़ती है। धनतेरस पर कुबेर देव की पूजा भी जरूर करनी चाहिए।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य व वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पं. शशिपाल डोगरा के मुताबिक इस बार धनतेरस का पर्व शुक्रवार, 13 नवंबर को शाम 5.59 बजे तक है और यह पर्व उससे पहले मनाया जाए। उन्होंने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर ही धनवन्तरी अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। तभी से धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है। उनके मुताबिक झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर दो झाड़ू जरूर खरीदें। इनका प्रयोग दिवाली की पूजा के बाद अगले दिन से करें। पुरानी झाड़ू को दिवाली के अगले दिन घर से बाहर कर दें। धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से वर्षभर स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा। घर से पुरानी झाड़ू निकाल देने से नकारात्मक ऊर्जा निकल जाएगी।
पं. शशिपाल डोगरा के मुताबिक चांदी समृद्धि की धातु मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से प्रकट हुई है। धनतेरस के दिन चांदी खरीदना अत्यंत शुभ होता है और इसी चांदी की वस्तु से दिवाली का पूजन किया जाता है। वहीं, धनतेरस के दिन खील-बताशे की खरीददारी करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इन खील-बताशे का प्रयोग दिवाली के दिन पूजा में किया जाता है।
भूलकर भी न करे धनतेरस के दिन ये गलतियां
पं. शशिपाल डोगरा कहते हैं कि वैसे दिवाली से पहले लोग घर के कोने-कोने की सफाई करते हैं, लेकिन धनतेरस के दिन अगर घर में कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा। धनतेरस से पहले ही ऐसा सामान बाहर निकाल दें। उनके मुताबिक घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें। मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए ये स्थान हमेशा साफ-सुथरा रहना चाहिए।
पं. डोगरा के मुताबिक अगर आप धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा करने वाले हैं तो ये गलती ना करें। कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की भी उपासना जरूर करें, वरना पूरे साल बीमार रहेंगे। उनका कहना था कि ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन शीशे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। धनतेरस के दिन सोने-चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं, धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें। इस दिन अपने घर से लक्ष्मी का प्रवाह बाहर ना होने दें। ऐसा करने से आप पर देनदारी और कर्ज का भार पड़ सकता है।
जानिए इस बार की धनतेरस की तिथि
प. शशिपाल डोगरा के मुताबिक धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस बार त्रयोदशी 12 नवंबर रात 9:30 बजे से अगले दिन 13 नवंबर को शाम 5:59 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरम्भ हो जाएगी। इसलिए 13 नवंबर को शाम 5:59 से पहले धनतेरस मनाया जाएगा। 13 नवंबर को शाम 5:59 के बाद छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी शुरू हो जाएगी।