सोलन -राजगढ़ मार्ग के सनौरा में अनेक गऊऐं कई दिनों से सड़को पर लावारिस घूम रही है जिस कारण वाहन चालको को काफी परेशानी पेश आ रही है। इसके अतिरिक्त यही लावारिस पशु रात्रि को लोगों के खेतों में जाकर फसलों को नुकसान पहूंचा रहे हैं ।
परन्तु स्थानीय ग्राम पंचायत करगानू द्वारा इन लावारिस पशुओं को गौ-सदन तक पहूंचाने अथवा पंचायत में इनके लिए कोई व्यवस्था किए जाने बारे कोई पग नहीं उठाए गए है जबकि सनौरा से केवल पांच किलोमीटर कोटला बड़ोग में प्रदेश की सबसे बड़ी काऊ सैंक्चुरी बनाई गई है। इसके अतिरिक्त यशवंतनगऱ में भी एक निजी संस्था द्वारा गौशाला खोली गई है जहां इन लावारिस पशुओं को शरण्य मिल सकता था ।
प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों के फलस्वरूप भी लोगों द्वारा अपने पशुओं पर लावारिस सड़को पर छोड़ा जा रहा है और यह पशु सड़को पर विचरते समय अनेको बार दुर्घटना का शिकार भी हो जाते है ।
माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व राज्य की सभी पंचायतों में गौ-सदन निर्मित करने की निर्देश दिए गए थे परन्तु अभी तक न्यायालय के निर्देश धूल चाट रहे है । पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के कान पर भी कोई टेग नहीं लगाए जा रहे है ताकि पशु के मालिक की पहचान हो सके ।
सनौरा इसके आसपास की पांच पंचायतों का केंद्र है परन्तु इस स्थल पर निजी क्षेत्र में संचालित की जा रही सब्जी मण्डी के कारण गंदगी का साम्राज्य बन चुका है । स्थानीय पंचायत अथवा सब्जी मण्डी समिति द्वारा सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । लोगों की सुविधा के लिए सनौरा में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित वर्षा शालिका की हालत बहुत दयनीय है जोकि अवारा पशुओं का अडडा बन गया है ।
स्थानीय पंचायत करगानू की प्रधान अनिता से जब इस बारे दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होने लावारिस पशुओं के बारे अनभिज्ञता प्रकट की और कुछ भी बताने से इंकार किया