वर्ष 1947 में राजा पदमदेव का देहांत होने के बाद 13 साल की उम्र में वीरभद्र सिंह ने बुशहर रियासत की राजगद्दी संभाली थी।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सचिव राम आसरे ठाकुर ने बताया कि राज परिवार का इतिहास रहा है कि राजा के अंतिम संस्कार से पूर्व राजगद्दी संभालने वाले राजकुमार का राजतिलक विधि-विधान के साथ किया जाता है। शनिवार को रामपुर में वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार होगा। इससे पूर्व उनके वारिस टीका विक्रमादित्य सिंह का राज दरबार पदम पैलेस में राजतिलक किया जाएगा और उन्हें राजगद्दी पर बिठाने के बाद वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। रामपुर के श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार के लिए राज परिवार के लोगों के अलग से स्थान बनाया गया है। यहीं पर वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार होगा। वीरभद्र सिंह के निधन की सूचना मिलते ही समूची रामपुर रियासत में शोक की लहर दौड़ गई है। राज दरबार पदम पैलेस परिसर में उनके समर्थक सुबह से ही जुटना शुरू हो गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार 10 जुलाई को रामपुर में होगा। इससे पहले आज गुरुवार को पार्थिव शरीर दिनभर होलीलॉज में दर्शन के लिए रखा जाएगा।