ऊना
तीन गुना से ज्यादा मुनाफा, दिल्ली-बाहरी राज्यों के आढ़तियों ने हाथोंहाथ उठाई खेप
कृषि प्रधान जिला ऊना में आलू ने किसानों को मालामाल कर दिया है। तीन दशक बाद मिले आलू के रेट से किसानों की बांछें खिल गई हैं। इस बार किसानों ने आलू के लागत मूल्य से तीन गुना अधिक मुनाफा कमाया है। दिल्ली सहित अन्य बाहरी राज्यों के आढ़तियों ने किसानों के खेतों में आकर फसल उठाई है और नकद भुगतान होने से किसानों के चेहरे चहक उठे हैं। तीन-चार दशकों में पहली बार जिला ऊना के किसानों को 3400 से लेकर 4400 रुपए प्रति क्विंटल रेट मिल रहा है। जिला ऊना में किसानों ने इस दफा 1600 हेक्टेयर भूमि पर आलू की खेती की है। हालांकि इससे पहले किसान 800 से 1000 हेक्टेयर भूमि पर ही आलू की फसल उगाते थे, लेकिन आलू के बढ़े हुए रेट देखते हुए किसानों ने प्रेरित होकर अधिक भूमि पर आलू बोया था।
आलू की फसल निकलने के बाद भी किसानों को बढि़या रेट मिला है। इस बार आलू की फसल किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है। लंबे समय बाद आलू का बढि़या दाम मिलने से किसान पूरी तरह चहके हुए हैं। लालसिंगी से किसान मलकीयत सिंह रायजादा, पंकज, चरणजीत सिंह, अभिषेक, दिलजीत, अजय ठाकुर आदि ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में आलू की फसल लगाई हुई थी। पहली बार आलू की फसल का उन्हें उचित रेट मिला है। किसानों ने बताया कि उन्हें लागत मूल्य से तीन गुणा मुनाफा हुआ है। आढ़ती भी खेतों में आकर ही उनकी फसल खरीदकर ले गए और उन्हें मौके पर भुगतान भी कर दिया गया, जबकि इससे पहले कई बार आलू का उचित मूल्य न मिलने के बाद घाटा भी उठाना पड़ा है। उधर, ऊना के किसान जीत लाल ने कहा कि उन्होंने अपनी दस कनाल भूमि पर आलू की फसल की बिजाई की थी। उन्होंने 3300 रुपए क्विंटल आलू की फसल बेची है।
अब आलू का बीमा भी
सरकार ने आलू का भी बीमा करने का निर्णय लिया है, पहले ऐसा नहीं होता था। आलू की फसल बीमा क्षेत्र के तहत आने पर भी किसान आलू को लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं। बीमा होने के बाद अब जिला के करीब चार हजार किसान लाभान्वित होंगे। कृषि उपनिदेशक डा. अतुल डोगरा ने कहा कि जिला ऊना में आलू की फसल का किसानों को उचित दाम मिला है। विभाग द्वारा भी किसानों की हर संभव मदद की गई है।