हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से नदी नालों और झीलों का पानी जमने लगा है. सूबे मंडी जिला की विश्वविख्यात देव कमरूनाग की पवित्र झील जम गई है. इस क्षेत्र में दिन और रात के समय तापमान शून्य से नीचे पहुंच रहा है।
झील के ऊपर पानी जम जाने की करीब 3 से 4 इंच मोटी परत बन गई है. झील जम जाने से अब देव कमरुनाग की झील में छिपे अरबों के खजाने पर लुटेरों की निगाह पड़ सकती है. झील की सुरक्षा के लिए मंदिर कमेटी ने पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं।
कमरूनाग झील क्षेत्र में हुई ताजा बर्फबारी के बाद देव कमेटी के सदस्य भी निचले इलाकों में वापिस आ गए हैं. हालांकि, बर्फबारी के उपरांत प्रशासन व देव कमरूनाग कमेटी के द्वारा श्रद्धालुओं से मंदिर आने की मनाही की गई है. लेकिन देव कमरूनाग के प्रति श्रद्धालुओं की अगाध आस्था दर्शन करने के लिए साहस जुटा देती है।
देव कमरूनाग कमेटी के कारदार भूप सिंह ने कहा कि देव कमरूनाग मंदिर में हाल ही के दिनों में हुई बर्फबारी के बाद पवित्र झील पूरी तरह से जम चुकी है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हुई ताजा बर्फबारी के बावजूद भी मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं का सिलसिला जारी है।
बता दें कि देव कमरूनाग का मंदिर और पवित्र झील समुद्र तल से लगभग 8000 फुट की ऊंचाई पर मौजूद है और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण कई माह तक मंदिर के कपाट बंद रहते हैं. बता दें कि कमरूनाग मंदिर में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना काल के बीच यहां पर श्रद्धालु कम ही देखने को मिले हैं.