बेटी की शादी हर माँ -बाप का एक सपना होता है। मगर वही माँ -बाप अगर बीमार पढ़ जाए तो वह सपना एक सपना ही रह जाता है ऐसा ही सपना आनी के तराला गांव निवासी पीनू देवी ने भी देखा था । पति की बीमारी से असमय मौत होने पर उनपर जहां दुखों का पहाड़ टूटा, वहीं बेटी की शादी की चिंता भी सताने लगी। बेटी की शादी में होने वाले खर्च वहन करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। ऐसे में उनकी मददगार बनीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (Mukhyamantri Kanyadan Yojana)। इस योजना के तहत 51 हजार रुपए सरकार की तरफ से पीनू देवी को मिले, जो उनकी बेटी पवीता की शादी में उनका बड़ा सहारा बने।
प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बारे में सुना और उन्होंने इस योजना के तहत बेटी की शादी में मदद के लिए सरकार को आवेदन किया।
उनकी बेटी पवीता की शादी नंद लाल गांव अवेरा निरमंड से हुई। उन्होंने इस योजना के लिए अगस्त 2019 में आवेदन किया और नवंबर 2019 में उनको इस योजना का लाभ मिल भी गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उनके लिए यह राशि भी जारी कर दी गई है। पीनू देवी, उनकी बेटी पवीता और दामाद नंद लाल ने इस कल्याणकारी योजना के लिए प्रदेश सरकार का आभार जताया है। पवीता का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राशि में 11 हजार रुपए का इजाफा कर अब कुल 51 हजार रुपए किया है वह बेसहारा बेटियों की शादियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है।
सीडीपीओ (CDPO) विपाशा भाटिया का कहना है कि पविता की शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत राशि स्वीकृत कर जारी कर दी गई है। इस योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को राशि जारी करने के लिए विभाग कृत संकल्प है।
क्या है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना…
बेसहारा लड़कियां जिनके पिता की मृत्यु, शारीरिक या मानसिक असमर्थता के कारण अपने परिवार की अजीविका कमाने में असमर्थ हों पति द्वारा त्यागी/ तलाकशुदा महिलाएं, जिनके संरक्षकों की वार्षिक आय 35,000 रुपए से अधिक न हो…को इस योजना के अंतर्गत 51 रूपये प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत पहले 40 हजार रुपए की राशि दी जाती थी जिसे वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में 40 से 51 हजार रुपए कर दिया है।
कैसे करें आवेदन…
इस योजना का लाभ लेने के लिए लोकमित्र केंद्र के द्वारा आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा ई-डिस्ट्रिक पोर्टल (E-District Portal) पर जाकर भी इस योजना के लिए आवेदन किया जा सकता है। नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र, सीडीपीओ कार्यालय या फिर डीपीओ कार्यालय में भी इस संबंध में पूछताछ की जा सकती है। योजना का लाभ लेने के लिए शादी से छह माह पहले से लेकर शादी के छह माह बाद तक आवेदन किया जा सकता है।