एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्रो की मांगो को लेकर विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन को एक ज्ञापन पत्र सौंपा।
गौरतलब है कि शैक्षणिक सत्र 2016 -17 में छात्र मांगो को लेकर हुई 153 दिनों की ऐतिहासिक भूख हड़ताल के चलते लाइब्रेरी के रिनोवेशन के लिए 70 लाख रुपए सेक्शन हुआ था। जिसके चलते पिछले साल से विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाइब्रेरी के काम को शुरू तो कर लिया परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि 2 साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन अभी तक लाइब्रेरी की रेनोवेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है।
दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन नए अकादमिक सत्र को 1 नवंबर से शुरू करने की बात कह रहा है। अगर 1 नवंबर से अकादमिक सत्र शुरू होता है तो विश्वविद्यालय का आम छात्र लाइब्रेरी में ही अपना शोध कार्य तथा अन्य अकादमिक कार्य पूरा करते हैं।
ज्ञापन पत्र के माध्यम से एसएफआई ने मांग उठाई है कि लाइब्रेरी का जो रिनोवेशन कार्य है उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके साथ साथ एसएफआई ने यह भी मांग की है कि जितने भी रीडिंग रूम लाइब्रेरी में है उसमें नया फर्नीचर जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाए क्योंकि न्यू कुर्सियों के लिए हर साल विश्वविद्यालय को नया फंड रिलीज होता है। तीसरी मांग यह थी कि अगर अकादमिक सत्र 1नवंबर से शुरू होता है तो दिसंबर में सर्दियों की छुट्टियां रद्द हो सकती है उस वक्त हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में ठंड और बर्फ का दौर होता है। और छात्रों को कड़ाके की ठंड में लाइब्रेरी में अपनी पढ़ाई मजबूरन करनी पड़ती है। कई सालों से विश्वविद्यालय प्रशासन के कोरे आश्वासनों को उजागर करते हुए एसएफआई ने कहा कि सभी रीडिंग रूम में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम की व्यवस्था की जाए क्योंकि वहां पर लगे केरोसिन के हीटर से अमूमन छात्रों को सिर में दर्द और चक्कर आने की बातें सामने आती है।
एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने लाइब्रेरियन को अपने ज्ञापन पत्र के माध्यम से चेताया कि अगर समय रहते इन छात्र मांगों के ऊपर न्यू अकादमिक सत्र शुरू होने से पहले काम पूरा नहीं किया जाता तो न्यू अकादमिक सत्र शुरू होने के साथ साथ एसएफआई छात्रों को लामबंद करते हुए लाइब्रेरी प्रशासन एवं विश्वविद्यालय कुलपति का घेराव और उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी स्वयं विश्वविद्यालय के कुलपति की होगी।