देहा से रहस्यमयी हालात में लापता हुए 23 वर्षीय शुभम के मामले में शिमला पुलिस की एसआईटी (SIT) के हाथ आठ माह बाद भी खाली हैं। पुलिस ने शुभम का सुराग देने वालों को एक लाख रूपये का ईनाम देने की गुरूवार को घोषणा की है।
शिमला पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर शुभम का फोटो और हुलिया पोस्ट करते हुए। उसकी जानकारी देने वाले को एक लाख रूपये नकद ईनाम देने तथा सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखने की बात कही है। पुलिस को यह सूचना (8894728001) और (0177-2812344) नंबरों पर दी जा सकती है। शुभम आठ माह से गुमशुदा चल रहा है।
शुरूआत में ठियोग के डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस शुभम की तलाशी में जुटी, लेकिन कामयाबी न मिलने पर जिम्मा विशेष जांच दल यानी एसआईटी को सौंपा गया।
एसआईअी ने ठियोग से सटे देहा के उस जंगल की भी खाक छानी, जहां से शुभम गायब हुआ था, पुलिस जवानों और खोजी कुत्तों ने धार जंगल के चप्पे-चप्पे की खोजबीन की, लेकिन शुभम का कोई सुराग तक नहीं मिला। लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा। एसआईटी ने शुभम के आखिरी वक्त तक साथ रहे उसके दोस्त पुनीत को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ भी की, मगर कामयाबी नहीं मिल पाई। कुल मिलाकर गुमशुदगी का मामला एसआईटी व लोगों के लिए पहेली बन कर रह गया है।
गौर हो कि शुभम जुब्बल तहसील के लबरोट गांव का रहने वाला है। वह अपने दोस्त पुनीत के साथ गत वर्ष 30 नवंबर की रात कार में वापिस आ रहा था। कार जब धार जंगल में पहुंची, तो शुभम अचानक गायब हो गया। शुभम के परिजनों ने पुलिस पर उनके बेटे को गायब करने का शक जताया। पुलिस ने हिरासत में लेकर पुनीत से पूछताछ की। पुनीत की तरफ से बताया गया कि शुभम की तबीयत खराब हो गई थी और धार जंगल के पास जब कार को रोका, तो शुभम कार से उतर गया था। इसी बीच शुभम के इंतजार में पुनीत को कार में ही आंख लग गई।
बाद में काफी समय बीतने के बाद जब शुभम वापिस कार में नहीं लौटा, तो पुनीत अकेला ही कार लेकर घर पहुंच गया तथा शुभम के परिजनों को उसके लापता होने की जानकारी दी।
शुभम के पिता किशन चंद ने देहा थाना में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। शुभम अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है। उसके गायब हो जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।