अटल शिक्षा कुञ्ज, कालूझिंडा स्थित आईईसी यूनिवर्सिटी में “उच्च शिक्षण संस्थानों में टीचिंग, लर्निंग और रिसर्च पर्सपेक्टिव्स” विषय पर एक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विभिन्न विषयों के शिक्षकों और शोधकर्ताओं के भीतर पेशेवर गुणों का विकास करना और उन्हें आधुनिक समय के बदलावों के लिए तैयार करना है। दो सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वान अपना ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध रहेंगे। कार्यक्रम के लिए अभी तक 200 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवा लिया है।
इस क्रम में अभी तक डॉ० प्रभजीत सिंह नरूला, मनोचिकित्सा और परामर्श विशेषज्ञ, नई दिल्ली, प्रो० (डॉ०) पी० मल्याद्री, आईसीएसएसआर सीनियर फेलो, प्रो० (डॉ०) गीतिका सूद, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, प्रो० (डॉ०) के० वी० ठक्कर, डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, मुंबई यूनिवर्सिटी, प्रो० (डॉ०) ओपी अग्रवाल, पूर्व कुलपति, जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, प्रो० (डॉ०) अम्पू हरिकृष्णन, वाइस चांसलर, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड, प्रो० (डॉ०) अभय कुमार, वाइस चांसलर, प्रताप यूनिवर्सिटी, जयपुर, ने वर्चुअल माध्यम से अपने विषय प्रस्तुत किये।
आईईसी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो० (डॉ०) जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम शिक्षाविदों व सोधार्थिओं के लिए आवश्यक विभिन्न रिसर्च और डिजिटल टूल्ज के बारे में जानने का एक सुनहरा अवसर है।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रो० (डॉ०) आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम रिसर्च पेपर राइटिंग, रिसर्च प्रपोजल राइटिंग जैसे विषयों पर अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। रिपोर्ट राइटिंग, अनुसंधान पद्धति, साइबर क्राइम, साहित्यिक चोरी को कम करना, स्ट्रेस मैनेजमेंट, राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020, प्रश्नावली का महत्व और इसकी रूपरेखा और अन्य विषयों को समझने के किये बहुत लाभकारी होगा।