स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के चलते 70 वर्षीय बुजुर्ग सुखदास की लाश का पोस्टमार्टर न होने पर परिजनों को रात राजगढ़ अस्पताल के बाहर गुजारनी पड़ी और मंगलवार की प्रातः लाश को पोस्टमार्टम के लिए नाहन ले जाना पड़ा । सबसे अहम बात यह है कि प्रशासन द्वारा बुजुर्ग की लाश के पोस्टमार्टम के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया था । परिजन बार बार अस्पताल प्रभारी के आगे हाथ जोड़ते रहे कि उन्हें पिता जी को मारने बारे किसी पर कोई शक नहंी और उनका पोस्टमार्टम राजगढ़ अस्पताल में किया जाए ताकि उनका अंतिम संस्कार समय पर हो सके । बता दें कि नौहराधार के देवना गांव के 70 वर्षीय बुजुर्ग सुखदास 9 अगस्त से लापता थे । उनके परिजन कमलराज और रवि कुमार ने बताया कि 15 दिन से लगातार बुंजुर्ग को चूड़धार में तलाश करते हुए सोमवार को उनका शव चूड़धार ट्रेक पर जमनाला के पास एक नाला में मिला । उन्होने बताया कि करीब छः किलोमीटर पैदल लाश उठाने के बाद जब नौहराधार पहूंचे तो प्रशासन द्वारा पोस्टमार्टम का कोई प्रबंध नहीं किया गया था । पुलिस शव के पोस्टमार्टम को संगड़ाह ले जा रही थी परंतु मुख्य चिकित्सा अधिकारी नाहन डॉ0 केके पराशर के कहने पर राजगढ़ अस्पताल लाया गया जहां पर अस्पताल प्रभारी डॉ0 हितेन्द्र गौतम द्वारा पोस्टमार्टम करने ने मना कर दिया और लाश को नाहन पोस्टामार्टम के लिए रैफर कर दिया गया ।
कमलराज ने बताया कि उनके द्वारा बार बार आग्रह किया गया कि उनके पिता सुखदास का पोस्टमार्टम यहीं कर दिया जाए और उनके पास नाहन जाने के लिए गाड़ी इत्यादि करने के लिए धनराशि भी नहंी है । उन्होने कहा कि उन्हें बंुजुर्ग की हत्या बारे किसी पर कोई संशय नहंी है । परिजन सारी रात अस्पताल के बाहर परेशानी से जूझते रहे परंतु उनकी सुनने वाला कोई नहंीं था । कमलराज का कहना कि पिता जी की लाश के पोस्मार्टम के लिए उन्हें जगह जगह ठोकरे खानी पड़ी और कहीं भी सुनवाई नहंी हुई । उन्होने सहायक पुलिस निरीक्षक चेतन चौहान और उनकी टीम तथा स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस की मुस्तैदी के कारण उनके पिता की लाश मिल पाई । सरकार द्वारा इस अस्पताल में 7 विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात किए गए है इसके बावजूद भी लोगों को इस अस्पताल में परेशानी पेश आ रही है ।
रेणुका के विधायक विनय कुमार ने देवना गांव के बुजुर्ग की चूड़धार के जंगल में हुई मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया और परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवदेनाएं प्रकट की है । उन्होने कहा कि उनके द्वारा भी डीसी सिरमौर और सीएमओ को सुखदास के पोस्टमार्टम के लिए राजगढ़ टीम भेजने का आग्रह किया गया था परंतु खेद का विषय है कि भाजपा के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग को लोगों के बारे कोई चिंता नहीं है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी नाहन डॉ0 केके पराशर से जब इस बारे बात की गई उन्होने कहा कि 15 दिन पुरानी लाश का पोस्टमार्टम मेडिकल कॉलेज नाहन में फोरेसिंक की विशेषज्ञ टीम द्वारा ही किया जा सकता है। उन्होने कहा कि यदि डीसी अथवा एसपी सिरमौर लिखकर देते हैं तो उस स्थिति में लाश बिना पोस्टमार्टम के परिजनों को वापिस दी सकती है ।