हिमाचल प्रदेश में बरसात के कारण मक्की की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। अब तक किसानों की 13159.8 हेक्टेयर भूमि में मक्की की फसल बर्बाद हो चुकी है। इसके साथ सूबे में 12067.61 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्की सहित उपजाऊ भूमि को नुकसान पहुंचा है, जिससे किसानों को लगभग 8.50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
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प्रदेश में इस वर्ष 314911 हेक्टेयर भूमि में मक्की बीजी गई थी। इसमें से 13159.8 हेक्टेयर भूमि में मक्की फसल बर्बाद हो गई है। इसके साथ 12067.61 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्की की फसल सहित भूमि को नुकसान पहुंचा है। इसमें से 4842.96 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्की को 33 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है, तो 7224.65 हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है।
फिर से उपजाऊ बनाने व ठीक करने के लिए भी किसानों को काफी खर्च करना होगा। जिला ऊना में 33706 हेक्टेयर भूमि में मक्की की फसल की बिजाई की गई है। जिसमें से 1141 हेक्टेयर भूमि में मक्की की फसल बर्बाद हो गई है। वहीं, कृषि उपनिदेशक डॉ। अतुल डोगरा ने कहा कि जिले में मक्की की फसल को 1.33 करोड़ का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान बंगाणा व हरोली उपमंडल क्षेत्र में हुआ है।
हिमाचल प्रदेश राज्य डिजास्टर प्रबंधन अथॉरिटी सेल से प्रवीण भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में मक्की फसल की जिला स्तर की रिपोर्ट मांगी गई है। जिला चंबा, कोंगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर व ऊना में बारिश के कारण मक्की की फसल को नुकसान हुआ है।