बिलासपुर (सुभाष)
विकास खण्ड स्वारघाट की ग्राम पंचायत टरवाड़ के तहत आने वाले गांव कल्लर- म्योठ के बाशिंदों को बरसात के बाद अब सर्दी के मौसम में भी पानी के लिए मारामारी करनी पड़ रही है।
श्री नयनादेवी सड़क मार्ग के हिमाचल -पंजाब सीमा पर बसे इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें बार्डर पर बसने का दंश सुविधाओं से महरूम होकर चुकाना पड़ रहा है।इस गांव की महिलाओं द्वारा शुक्रवार को जल शक्ति विभाग उपमंडल स्वारघाट के कार्यालय में शिकायत पत्र देकर अपना दुखड़ा सुनाया गया।शिकायत पत्र देने पहुंची महिलाओं मीरा देवी ,शीला देवी, कुंता देवी ,रामप्यारी ,सावित्री देवी तथा पहुंची स्कूली छात्राओं चंपा, नेहा ठाकुर ,कविता, कमलेश का कहना था कि नल में पानी न आने से उनका पूरा दिन तो पानी ढोने में ही व्यतीत हो जाता है जिसका सीधा प्रभाव उनकी पढ़ाई पर भी पड़ रहा है।महिलाओं का कहना था कि कल्लर गांव की प्यास बुझाने के लिए 6 वर्ष पूर्व करीब 58 लाख की लागत से पेयजल योजना तैयार की गई थी जिसके लिए सिणवा से पानी उठाकर पाइपलाइन भी बिछाई गई थी लेकिन देखरेख के अभाव में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण पानी से वंचित होते चले गए। कल्लर गांव के ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग से मांग की है कि उन्हें पानी पहुंचाकर राहत प्रदान की जाए।
“कल्लर- म्योठ की महिलाओं का पानी की समस्या को लेकर शिकायत पत्र आया है जिसके लिए कर्मचारियों को सम्बन्धित क्षेत्र का मुआयना करने को कहा गया है।”
संतोष शर्मा -सीनियर असिस्टेंट- जल शक्ति विभाग -उपमंडल स्वारघाट।
चित्र सलंग्न÷ पानी सम्बन्धी समस्या को लेकर जल शक्ति विभाग कार्यालय स्वारघाट में शिकायत देने जाती कल्लर- म्योठ की महिलाएं।