हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन लटक सकता है। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी, मगर अब लगता है कि कोेरोना को देखते हुए सरकार फिलहाल यह आयोजन न करे। वैसे भी प्रावधान है कि एक सत्र के बाद छह महीने के समय में दूसरा आयोजन किया जा सकता है, इसलिए सरकार जनवरी या फिर फरवरी में विंटर सेशन करवा सकती है। अभी इस पर फैसला नहीं लिया गया है, परंतु सभी दलों से बैठक करने के बाद इस पर सरकार फैसला लेगी। इस पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री को कह दिया गया है।
उनको कैबिनेट ने कहा है कि वह सभी दलों की बैठक कर वर्तमान स्थिति पर चर्चा करें और इस पर निर्णय लें कि सत्र किया जाना है या नहीं।
एक या दो दिन में सर्वदलीय बैठक के लिए तारीख तय कर ली जाएगी, जिसके लिए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री से व राकेश सिंघा से बात करेंगे। कांग्रेस इस पर अपने विधायकों की राय लेगी और उसे जानने के बाद सरकार से चर्चा की जाएगी। वैसे कांग्रेस की ओर से भी कुछ विधायकों ने यह कहा है कि सत्र अभी नहीं होना चाहिए, वहीं एक विधायक ने तो बयान भी दिया है। अब कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक करवाई जाएगी और उसमें राय जानने के बाद फैसला होगा।
बाद में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी यही कहा। सरकार ने यह संकेत दिए हैं कि जिस तरह से कोरोना के मामले यहां पर बढ़ रहे हैं और सरकार लॉकडाउन की ओर बढ़ रही है, तो ऐसे में विधानसभा का सत्र करवाना सही नहीं है। यह सत्र धर्मशाला के तपोवन में सात से 11 दिसंबर तक प्रस्तावित है, जिसे राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं विधायकों ने सौ से ज्यादा सवाल भी सचिवालय को भेज दिए हैं।