सचिन पायलट लगातार खुद को नाराज का मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते रहे और जब तक उनकी यह मांग मान नहीं ली जाती, उन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात तक से इनकार कर दिया।
प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह बयान दी बात का खंडन है जिसमें सचिन पायलट के खेमे द्वारा यह कहा गया कि प्रियंका गांधी से फोन पर बात करने के तीन घंटे बाद ही सचिन को उप मुख्यमंत्री के पद पर बर्खास्त किया गया कर दिया गया।प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी स्रोतों के अनुसार सचिन पायलट चाहते थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की सार्वजनिक रूप से घोषणा की जाए और उन्होंने कहा कि अगर ये वादा नहीं किया जा सकता तो गांधी परिवार से मिलने का कोई मतलब नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि इस “डीलब्रेकर” की मांग को कांग्रेस नेतृत्व को लेकर किए गए संकेत के बाद ही सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के डिप्टी सीएम पद से मुक्त कर दिया गया था। रविवार को अशोक गेहलोत के खिलाफ उनके विद्रोह के बाद पायलट ग्रुप के सदस्यों ने उस दिन पहले बता दिया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा प्रेषित कई लोगों को उनके साथ फोन कॉल के बाद उन्हें हटा दिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि पायलट ने दो दिन पहले प्रियंका गांधी से बात की थी और उनकी बात तसल्ली के साथ सुनी गई थी। इस दौरान जब उन्होंने अपनी शिकायतों पर चर्चा की, तो प्रियंका गांधी ने कहा कि “वह राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात करेंगी”।