बिलाें के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की अगुवाई में किसानों का रेल रोको आंदोलन शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसानों ने भारी तादाद में इकट्ठा होकर गुरदासपुर, टांडा, होशियार पुर, जालंधर, तरनतारन, लुधियाना, बठिंडा, फाजिल्का में रेल ट्रैक पर धरना दिया। अमृतसर में भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर जुटे किसानों ने अर्धनग्न होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कमेटी के प्रांतीय महासचिव सरवन सिंह पंधेर, सुखविंदर सिंह सभरा और गुरबचन सिंह चब्बा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों मजदूरों की आवाज सुनने की जगह विश्व व्यापार संस्था और कॉरपोरेट के दबाव के नीचे देश के किसानों के खिलाफ फैसला ले रहे हैं।
कर्मचारी संगठन के संयोजक गुरमेल सिंह सिद्धू ने बताया कि पहली बार कर्मचारी पेंशनर्स, छोटे बड़े आढ़ती, प्राइवेट व सरकारी ट्रांसपोर्टर्स, पंचायत मेंबर, कलाकार, लेखक भी शामिल हैं। वहीं, संगरूर के छाजली में रेलवे ट्रैक पर धरना 54 घंटे बाद उठा लिया गया। किसानों ने चेतावनी दी यदि केन्द्र सरकार ने कृषि बिलों को वापस नहीं लिया तो 1 अक्टूबर से दोबारा ट्रैक जाम किया जाएगा। 31 किसान जत्थेबंदियां ने 29 लाख की संख्या वाला संयुक्त प्लेटफार्म बनाया है।