न्यूरोथेरेपी और एक्यूप्रेशर में महारत हासिल करने वाले आशु तोमर इन दिनों पच्छाद़ क्षेत्र में जोड़ों का दर्द, डिस्क समस्या, सरवाईल, स्पॉन्डिलाइटिस और अन्य नाड़ी संबधी रोगों का घर घर जाकर निःस्वार्थ भाव से उपचार करने में अहम भूमिका निभा रहे है जिससे विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को काफी स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है ।
भूईरा गांव में किसान के परिवार में वर्ष 1995 में जन्में आशु तोमर ने स्थानीय स्कूल से मेट्रिक और जवाहर नवोदय विद्यालय ऊना से दस जमा दो की परीक्षा उतीर्ण की । इसके उपरांत इन्होने सोलन महाविद्यालय से वर्ष 2017 में बी-कॉम की डिग्री हासिल की । शिक्षा ग्रहण करने के दौरान आशु तोमर का योग की ओर काफी रूझान रहा और योग में राष्ट्रीय चेम्पियन बन गए । आशु तोमर ने बताया कि कॉलेज के दौरान ही वह राजगढ़ में एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ अरूण के साथ कार्य करते रहे । इन्होने बताया कि बीकॉम की डिग्री हासिल करने के उपरांत उनके द्वारा पतंजलि योगपीठ हरिद्वार चले गए । जहां पर योग की हर विधाओं का बारिकी से अध्ययन किया गया । उसके उपरांत आशु तोमर को पतंजलि योगपीठ की ओर से जिला सिरमौर में योग प्रचारक का कार्य दिया गया ।
आशु तोमर ने बताया कि उनके द्वारा जिला के विभिन्न गांव में जाकर लोगों को योग के माध्यम से रोगों के उपचार बारे जानकारी दी गई । एक वर्ष योग प्रचारक के रूप में कार्य करने के उपरांत आशु तोमर बंगलौर स्थित श्रीश्री रवि शंकर के आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम में एक्यूप्रेशर और न्यूरोथेरेपी का प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
आशु तोमर का कहना है कि सभी लोगों को 50 वर्ष की आयु के उपरांत घूटनों मे दर्द आरंभ हो जाता है क्योंकि कैल्शियम की कमी होने घूटनों मे ग्रीस कम हो जाती है जिसके लिए दूध में हल्दी और घी को मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से घूटनों के दर्द का लाभ मिलता है । उन्होने बताया कि सरवाईकल और डिस्क समस्या के लिए वह सरसों के तेल से मालिश करते हैं जिससे काफी बजुर्गों को लाभ मिल रहा है ।
इनका कहना है कि आरामदायक जीवन और फॉस्ट फूड के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबधी समस्या ज्यादा बढ़ रही है और काया को स्वस्थ रखने के लिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन प्रातः समय निकाल कर योग करना चाहिए । आशु तोमर का बताया कि उनका उददेश्य पैसा कमाना नहीं है बल्कि समाज और विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को स्वस्थ बनाना है ।