जगराओँ पुल रिटेनिंग वॉल बनाने के मामले में दो बार ओवर एस्टीमेट बनाने का खुलासा एडिशनल कमिश्नर ऋषिपाल सिंह की जांच में हो चुका है। बाकायदा इस संबंधी निगम कमिश्नर प्रदीप कुमार सभ्रवाल ने मौजूदा और तत्कालीन एसई बीएंडआर, एसडीओ और जेई को शोकाॅज नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।
हैरानी की बात ये है कि जिनको शोकाॅज नोटिस जारी हुआ है, उनकी तरफ से भेजे जवाब में एडिशनल कमिश्नर की ओर से एसडीओ स्तर के इंजीनियरों से करवाई गई जांच को ही मानने से इंकार कर दिया है। एक एसई ने तो ये जवाब भेजा कि एसडीओ स्तर की बजाए जगराओं पुल की जांच उसके रैंक या उसके पद से भी बड़े अधिकारी से करवाई जाए। वे एसडीओ की जांच रिपोर्ट को सही नहीं मानते हैं। वहीं, अब एडिशनल कमिश्नर ऋषिपाल सिंह ने शोकाॅज नोटिस के अनुसार आए जवाब के तहत एक बार फिर से जगराओं पुल की जांच बड़े अधिकारी से करवानी शुरू कर दी है।
मामले को लटकाने की तैयारी में अफसर
बता दें कि लोकल बाॅडीज विभाग को शक हुआ तो इसकी जांच कराने के आदेश निगम कमिश्नर के पास पहुंचे, निगम कमिश्नर ने एडिशनल कमिश्नर को जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा। एडिशनल कमिश्नर ने पुल के काम की जांच के लिए स्पेशल टीम का गठन करते हुए जांच करवाई और सामने आया कि 50 लाख रुपए तक का ओवर एस्टीमेट बनाया गया। हालांकि निगम अधिकारियों को शोकाॅज नोटिस जारी हुए हैं। लेकिन अब इस मामले को लटकाने के लिए पहली जांच की बजाए दोबारा जांच करवाने की आड़ में बचने की तैयारियां शुरू हो चुकी है।