राज्य की तहसीलों में बिना एनओसी अवैध तरीके से रजिस्ट्रियों के मामले कार्रवाई के बाद सरकार रजिस्ट्री का तरीका बदलने जा रही है। तैयारी पूरी हो चुकी है। अब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक्ट 1975 की धारा 7-ए से एग्रीकल्चर शब्द और जमीन की लिमिट दोनों ही खत्म हो जाएंगे।
7-ए एरिया में रजिस्ट्री डीसी की मंजूरी पर ही होगी। इससे पहले प्रॉपर्टी टैक्स व हाउस टैक्स का भुगतान अनिवार्य होगा। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि इस काम से जुड़े संबंधित जितने भी विभाग हैं, उनका जॉइंट सिस्टम तैयार हो रहा है, जिस पर सभी का डेटा ऑनलाइन होगा।
टाउन एंड प्लानिंग विभाग अर्बन एरिया से लगती एग्रीकल्चर जमीन को भविष्य की प्लानिंग के लिए रोक कर उसे 7-ए अधिसूचित एरिया घोषित करता है। 3 अप्रैल 2017 को हरियाणा डेवलपमेंट एंड अरबन रेगुलेशन एक्ट 1975 की धारा 7-ए में सरकार ने संशोधन किया। पहले प्रावधान था कि खाली पड़ी 1 हेक्टेयर से कम जमीन की रजिस्ट्री बिना एनओसी नहीं होगी।
सरकार ने खाली जमीन की जगह एग्रीकल्चर और एक हेक्टेयर की जगह लिमिट 2 कनाल कर दी। यानी 2 कनाल से ज्यादा की रजिस्ट्री के लिए एनओसी जरूरी नहीं रही। इसका फायदा उठाकर प्रॉपर्टी डीलर व अधिकारियों ने उठाया।