चेहरे का रंग आमतौर पर शर्म या गुस्से के कारण लाल होता है, लेकिन इन दिनों यह कोरोना का एक उभरता लक्षण भी है। चमड़ी रोग चिकित्सकों के पास ऐसे मरीजों की कतार लग रही है, जिनका चेहरा लाल हो रहा है या फिर चमड़ी पर दाने या लाल रंग के धब्बे हो रहे हैं।
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इसको गर्मी या छपाकी रोग समझकर लापरवाही करना भारी हो सकता है। यह भी कोरोना का एक लक्षण है और इसके मरीज अब तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं, कोरोना जिनमें चमड़ी पर असर कर रहा है। कई मरीजों के पैरों की अंगुलियां भी सूज कर नीली पड़ रही हैं, जैसा सर्दी के दिनों में आम होता है।
मरीजों में लक्षण…
1. कुछ मामलों में शरीर पर लाल रंग के धब्बे या पित्त जैसे निशान भी देखे गए हैं। कोरोना संक्रमितों के 19 प्रतिशत मामलों में शरीर पर लाल, गुलाबी या सफेद रंग के धब्बे देखे गए हैं।
2. हाथ और पैरों के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में छाले हो सकते हैं। 28 प्रतिशत ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां हाथ और पैरों के अलावा शरीर के ऊपरी हिस्से में छाले या दाने मिले हैं। खून से भरे ये छाले धीरे-धीरे बड़े हो सकते हैं।
3. पैरों में खून जम जाता है, अंगुलियां नीली हो जाती हैं और सूजने के बाद दर्द करती हैं। यह समस्या अकसर सर्दी के मौसम में आती है।
4. अधिकतर मरीजों में मैक्युलोपैपुल्स की समस्या देखी गई है। त्वचा की इस बीमारी में शरीर की चमड़ी पर गहरे लाल रंग के निशाने आने लगते हैं। त्वचा पर नजर आने वाली यह समस्या पाइरियासिस रोसी जैसे गंभीर रोग की तरह दिखाई देती है।
मरीज काफी आने लगे हैं, लोग हलके में ले रहे हैं।
– डॉ. बरीना पाल
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. बरीना पाल का कहना है कि त्वचा रोग के मरीजों की संख्या काफी अधिक बढ़ रही है। मरीजों को आगाह भी किया जा रहा है कि वह कोरोना का टेस्ट करवाएं लेकिन वह त्वचा रोग मानकर लापरवाही बरत रहे हैं। डॉ. पाल का कहना है कि रैशेज तब आते हैं, जब स्किन के भीतर की रक्त वाहिकाओं में ऑक्सीजन का बहाव कम होने के कारण काम करने में परेशानी महसूस होने लगती हैं. इसे स्किन टिश्यू की असमय मौत भी माना जाता है।
ये लक्षण कोरोना के उम्रदराज मरीजों में दिखता है। कोरोना के कई मरीजों में पैरों के सामने वाले हिस्से पर रैशेज दिख रहे हैं, जिन्हें डॉक्टरों ने कोविड टो नाम दिया है। हाल ही में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज इलाज के लिए आने लगे हैं जिनकी त्वचा में दाने, छाले, लाल रंग के धब्बे, पैरों की अंगुलियों में रैशेज या नीली पड़ना शामिल हैं। मरीजों को सलाह है कि चमड़ी में हल्का सा भी असर ऐसा होता है तो इसको गर्मी या पित्त समझकर हल्के में नहीं लेना चाहिए। तत्काल त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए और कोरोना का टेस्ट करवाना चाहिए।