बरोदा उपचुनाव में सभी पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। मतदाताओं को रिझाने के लिए पार्टियां कोई मौका नहीं छोड़ रहीं। कांग्रेस अपना गढ़ बचाने के लिए लड़ाई लड़ रही है।
भाजपा तीन अध्यादेश का विरोध कर रहे विपक्ष को जवाब देते हुए पहली बार कमल खिलने के लिए दांव-पेंच लगा रही है। जजपा और इनेलो की भी इस चुनाव से प्रतिष्ठा जुड़ी हुई हैं। यह सीट पर देवीलाल का भी प्रभाव रहा है।
दोनों के बीच देवीलाल के वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए लड़ाई लड़ रही है। जजपा नेता और कार्यकर्ता हुड्डा का गढ़ तोड़कर देवीलाल के वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं।
बरोदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा लगातार तीसरी बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। इसलिए कांग्रेस इस सीट को अपना ही मानकर लड़ रही हैं। वैसे भी बरोदा हलका पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है।